नई दिल्ली। दुनियाभर में सुपर पावर बनने की होड़ के बीच रक्षा खर्च (World Military Expenditure) इतना बढ़ गया है कि इससे दुनिया के कई गरीब देशों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कई दिनों तक आसानी से किया जा सकता है। साल 2021 में दुनिया का रक्षा खर्च 2 लाख करोड़ डॉलर
नई दिल्ली। दुनियाभर में सुपर पावर बनने की होड़ के बीच रक्षा खर्च (World Military Expenditure) इतना बढ़ गया है कि इससे दुनिया के कई गरीब देशों के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कई दिनों तक आसानी से किया जा सकता है। साल 2021 में दुनिया का रक्षा खर्च 2 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है. इस पूरे रक्षा खर्च में आधे से अधिक हिस्सेदारी सिर्फ अमेरिका और चीन की है. भारत इन 2 देशों के बाद तीसरे नंबर पर आता है.
बता दें कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इस संस्था की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि , ‘साल 2021 में वैश्विक रक्षा खर्च 0.7% बढ़ा है. यह अब 2.1 लाख करोड़ डॉलर हो चुका है. दुनिया में सबसे अधिक रक्षा खर्च करने वालों में अमेरिका अव्वल है. उसकी इसमें हिस्सेदारी 38% है. इसके बाद 14% हिस्से के साथ चीन दूसरे नंबर पर है. जबकि कुल वैश्विक रक्षा-खर्च 3.6% की हिस्सेदारी के साथ भारत तीसरे क्रम पर है.
आगे बात करें तो शीर्ष 5 देशों में ब्रिटेन (3.2%) और रूस (3.1%) का नंबर है. ये 5 देश मिलकर करीब वैश्विक रक्षा-खर्च में लगभग 62% की हिस्सेदारी रखते हैं.’
सीपरी (SIPRI) के वरिष्ठ शोधकर्ता डॉक्टर डिएगो लोपेस डि सिल्वा कहते हैं, ‘गौर करने की बात है कि विभिन्न देशों से महामारी के दौर के बावजूद अपना रक्षा खर्च (Military Expenditure) बढ़ाया है. वह तो महामारी की वजह से अर्थव्यवस्थाएं कमजोर रही और इससे महंगाई भी बढ़ी, जिस कारण वृद्धि दर 0.7% की रिकॉर्ड की गई. वरना 6.1% की दर से सैन्य-खर्च बढ़ा है.’ भारत ने 2012 के मुकाबले 33% बढ़ाया रक्षा खर्च रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रक्षा खर्च 2012 के मुकाबले 2021 में 33% बढ़ा है. हालांकि 2020 की तुलना में इसमें 0.9% की ही बढ़त रही है. यह 76.6 अरब डॉलर के करीब रहा. वहीं, भारत के पड़ोसी चीन ने 2020 के मुकाबले 2021 में 4.7% सैन्य खर्च बढ़ाया. उसका खर्च 293 अरब डॉलर तक पहुंच गया. जबकि अमेरिका ने 801 अरब डॉलर खर्च किए. उसने 2020 की तुलना में 2021 में अपने सैन्य खर्च में 1.4% की कटौती की है. चौथे, पांचवें नंबर पर ब्रिटेन और रूस ने 2020 के मुकाबले 2021 में क्रमश: 3 और 2.9% तक अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी की है. यह बढ़ता रक्षा खर्च दुनिया में बढ़ती असुरक्षा का कारण भी है।
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