जयपुर। एक तरफ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर ACB जहां अपने बेहतर काम के लिए लगातार प्रशंसा प्राप्त कर रही है वहीं दूसरी ओर अति उत्साह में एक RAS अधिकारी को बिना प्रोसेस के पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय बुलाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में आरएएस और एसीबी आमने
जयपुर। एक तरफ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर ACB जहां अपने बेहतर काम के लिए लगातार प्रशंसा प्राप्त कर रही है वहीं दूसरी ओर अति उत्साह में एक RAS अधिकारी को बिना प्रोसेस के पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय बुलाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मामले में आरएएस और एसीबी आमने सामने है। RAS अधिकारियों ने सीएमओ तक अपनी शिकायत पहुंचा दी है। मुख्य सचिव से भी RAS एसोसिएशन के पदाधिकारी मिले और अपनी पीड़ा बताई है।
उधर सीएम के मामला संज्ञान में आने के साथ ही इसके समाधान के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले एक आरएएस अधिकारी को बिना किसी प्रोसेस के पूछताछ के मामले में ब्यूरोक्रेसी समझौता करने को तैयार नहीं हैं। एक जूनियर पुलिस ऑफिसर ने अधिकारी से अच्छा व्यवहार भी पूछताछ के दौरान नहीं किया। जबकि उनका मामले में कहीं नाम होता भी तो इसकी पूछताछ का एक पूरा प्रोसेस होता है। इसके बाद पूरे राजस्थान से आरएएस अधिकारियों के सोशल मीडिया ग्रुप में यह बात उठ रही है कि सीनियर आरएएस अधिकारी को बिना किसी सबूत के एसीबी पूछताछ कैसे ले गई? राजस्थान को पुलिस स्टेट बनाकर रख दिया है।
मुख्य सचिव ने मामले को सुलझाने के लिए एसीबी के उच्च अधिकारियों और आरएएस एसोसिएशन के अधिकारियों बुलाया, लेकिन इस बार आरएएस अधिकारी पूरी तरह कार्रवाई की एसीबी अधिकारी के सस्पेंशन की मांग पर अड़े हुए हैं। मुख्य सचिव ने एसीबी के अधिकारी से माफी मंगवाने की बात कही. इस पर आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि माफी समाधान नही है. अफसर की इज्जत गई है। ये बर्दाश्त से बाहर है।
मुलाकात करने गए आरएएस अधिकारियों ने मुख्य सचिव के सामने जमकर अपनी भड़ास निकाली। यहां एसीबी के अधिकारी भी मौजूद रहे। एक आरएएस अधिकारी ने तो इतना तक कह दिया कि मेरी और पूछताछ के लिए ले जाने वाले एसीबी के अधिकारी की संपत्ति की जांच करवा लो। दूध का दूध-पानी का पानी हो जाएगा। आठ-आठ साल से एसीबी में बैठे हुए हैं, जिसकी संपत्ति आय से ज्यादा संपत्ति हो उसे जेल में डाल दो। देर भी मत करो यदि मेरी संपत्ति आय से ज्यादा मिलती है तो मुझे सीएस दफ्तर से ही गिरफ्तार करके ले जाओ।
आरएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा की पुलिस पर मॉनिटरिंग का सिस्टम तक नहीं है। एसीबी के अफसर दूध के धुले हुए नहीं हैं। यदि इस तरह के हालात रहे तो कोई काम नहीं करेगा। ईमानदार आरएएस अफसर से एसआई रैंक का पुलिसकर्मी पूछताछ कर रहा है। जो बेहद शर्मनाक है।
यहां बता दें कि दो दिन पहले आईसीडीएस में नियुक्त एडिशनल डायरेटर को एसीबी के अधिकारी पूछताछ के लिए ले गए। उसके बाद आरएएस अधिकारी ने अपनी पीड़ा अपने ही कैडर के अफसरों से शेयर की। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा की ‘एसीबी कल मुझे ले ही गई. ट्रीट भी ऐसे किया जैसै में भ्रष्ट हूं….यह आरएएस कैडर का दुर्भाग्य ही कहूंगा….कुछ अधिकारी इसे सामान्य बात मान सकते हैं, लेकिन यदि मुझे एसीबी ले जा सकती हैं तो फिर सभी को इसके लिए तैयार रहना चाहिए’। यह पोस्ट अफसरों के ग्रुप पर जबरदस्त वायरल हुई। अफसरों ने अलग-अलग कमेंट किए। इस पोस्ट के बाद आरएएस एसोसिएशन ने इसे गंभीरता से लेकर रणनीति बनाई यदि एसीबी इस तरह से सीनियर अफसरों को बिना प्रोसेस के उठाकर पूछताछ के लिए ले जाने लगी तो कैडर का वजूद ही खत्म हो गया। किसी पर दवाब डलवाकर किसी भी अधिकारी का नाम बुलवाकर अफसर को बिना किसी सबूत के ले जाना किन नियमों में लिखा है। एसीबी ने आरएएस अफसरों को टारगेट बना रखा है। मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए एसीबी ऐसी कार्रवाई कर रही है. हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर ब्यूरोक्रेसी के आला अफसर नजर है।
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