जयपुर। कोविड के डरावने दौर में गंभीर संक्रमण तथा किडनी संबंधित समस्याओं से जूझ रहे बच्चों की सेहत से जुड़ी एक राहत खबर है। राजधानी के सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में अब लेवल थ्री पीडियाट्रिक आईसीयू, पीडियाट्रिक्स नेफ्रोलॉजी एवं डायलिसिस यूनिट की सेवाएं मिल सकेंगी। इसके लिए 25 बैड्स की अत्याधुनिक चिकित्सा इकाई मय
जयपुर। कोविड के डरावने दौर में गंभीर संक्रमण तथा किडनी संबंधित समस्याओं से जूझ रहे बच्चों की सेहत से जुड़ी एक राहत खबर है। राजधानी के सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में अब लेवल थ्री पीडियाट्रिक आईसीयू, पीडियाट्रिक्स नेफ्रोलॉजी एवं डायलिसिस यूनिट की सेवाएं मिल सकेंगी। इसके लिए 25 बैड्स की अत्याधुनिक चिकित्सा इकाई मय जीवन रक्षक उपकरणों के उपलब्ध कराई गई है तथा बच्चों की 5 बैड की डायलिसिस यूनिट भी स्थापित की गई है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पीडियाट्रिक आईसीयू बैड की संख्या आवश्यकता के अनुरूप नहीं है, इसके लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता के तौर पर यह प्रयास किया गया है। यह जानकारी अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ मुनीष कक्कड़ ने दी।
महात्मा गांधी अस्पताल की पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर यूनिट निदेशक डॉ. रूप शर्मा ने बताया कि राज्य में लेवल थ्री प्लस पीडियाट्रिक सेवाएं राज्य में पहली बार शुरू की गई है । उन्होंने बताया कि बच्चों को समर्पित 25 बेड की इस इकाई में स्मार्ट वेंटीलेशन की इनवेसिव वेंटीलेशन के वेंटीलेटर्स, बाइ पेप व सी-पेप आदि उपकरण स्थापित किए गए हैं । इस यूनिट में फेफड़ों में संक्रमण के 75% से अधिक खराब होने की स्थिति में प्रयोग किए जाने वाला हाई फ्रीक्वेंसी वेंटीलेटर भी उपलब्ध कराये गये हैं। इस इकाई में पॉइंट् ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड की मदद से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित अंगों की सोनोग्राफी कर तुरन्त रिपोर्ट के आधार पर उपचार किया जाता है। 24 घंटे सेवाएं देने के लिए तीन पीडियाट्रिक गहन चिकित्सा विशेषज्ञों की समर्पित टीम बनाई गई है जिसमे डॉ. रूप शर्मा के अलावा डॉ. रमेश चंद बैरवा तथा डॉ भानु प्रताप शामिल हैं।
अस्पताल के सीनियर पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट एवं यूनिट हेड डॉ. यशु सैनी ने बताया कि राज्य में बच्चों के लिए पेशाब तथा किडनी संबंधित सेवाओं की कमी है, इसकी पूर्ति के लिए 5 बैड्स की डायलिसिस इकाई स्थापित की गई है, जिसमें हिमो डायलिसिस मशीन, स्लेड मशीन एवं सीआरआरटी मशीनें उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि आजकल बच्चों में किडनी की समस्याओं के मामले अधिक आ रहे हैं सच्चाई यह भी है की जानकारी के अभाव तथा उपचार संस्थानों की कमी की वजह से उन्हें समय पर उपचार नहीं मिल पाता। ऐसे बच्चों को समय पर समुचित उपचार हो सके इसके लिए महात्मा गांधी अस्पताल में अनुभवी विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम बनाई गई है जिसके जरिए बच्चों में किडनी ट्रांसप्लांट की सेवाएं दी जा रही हैं।
इकाई में नवजात बच्चों में हीमोडायलिसिस तथा आईसीयू में भर्ती गंभीर संक्रमण से प्रभावित बच्चों में डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
डॉ. यशु ने बताया कि इससे बड़ी संख्या में किडनी रोगों से प्रभावित बच्चों को 24 घंटे हीमोडायलिसिस तथा गहन चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सकेगी ।
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Alex Holden
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